Can't find a reson to die,
Therefore I choose to live.
Can't find a reason to move,
Therefore I choose to stay.
Can't find a reason to shout,
Therefore I choose to be silent.
Can't find a reason to sail,
Therefore I choose to be at the shore.
Can't find a reason for excitement,
Therefore I choose to be lazy.
Can't find a reason to notice,
Therefore I choose to be ignored.
Can't find a reason to wait,
Therefore I choose to drift.
Can't find a reason for reality,
Therefore I choose to dwell in dreams.
Can't find a reason to be with you,
Therefore I choose to be apart.
I have no reason for anything,
And yet a reason for everything.
I have no reason to question all this,
And a reason to answer them all.
These reasons have become my identity,
These reasons are all I am known as
These reasons have become me
Then what am I ? Why am I ?
Just a reason I guess
Thursday, January 13, 2011
Monday, January 10, 2011
ढूंढती मैं !
पत्तों कि छाओं में अपनी सेज को ढूँढा ,
उलझी हुयी राहों पे अपनी मंजिल को ढूँढा
भिखरी हुयी रेत पे अपना नाम ढूँढा ,
चट्टानों से टकराती हुयी लेहेरों में अपनी आवाज़ को ढूँढा
हर नाव में अपनी पतवार को ढूँढा ,
हर मायूसी में अपने हौसलों को ढूँढा ,
हर नाकामी में अपनी कामयाबी को ढूँढा ,
हर ख़ामोशी में अपनी दहाड़ को ढूँढा
अपने दबे हुए अरमानों में उमंगों को ढूँढा ,
अपने सिले हुए होटों में जवाबों को ढूँढा ,
इन तनहाइयों में उस चेहरे को ढूँढा ,
और उस चेहरे में फिर खुद को ढूँढा
कहाँ गलत ढूँढा ? कहाँ नहीं ढूँढा ?
पर ये तलाश अभी जारी है .......
उलझी हुयी राहों पे अपनी मंजिल को ढूँढा
भिखरी हुयी रेत पे अपना नाम ढूँढा ,
चट्टानों से टकराती हुयी लेहेरों में अपनी आवाज़ को ढूँढा
हर नाव में अपनी पतवार को ढूँढा ,
हर मायूसी में अपने हौसलों को ढूँढा ,
हर नाकामी में अपनी कामयाबी को ढूँढा ,
हर ख़ामोशी में अपनी दहाड़ को ढूँढा
अपने दबे हुए अरमानों में उमंगों को ढूँढा ,
अपने सिले हुए होटों में जवाबों को ढूँढा ,
इन तनहाइयों में उस चेहरे को ढूँढा ,
और उस चेहरे में फिर खुद को ढूँढा
कहाँ गलत ढूँढा ? कहाँ नहीं ढूँढा ?
पर ये तलाश अभी जारी है .......
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